त्रिवेणी संगम का झरना बना पर्यटकों का आकर्षण केंद्र, गर्मी में राहत की खोज में उमड़ रही भीड़, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पर्यटन स्थल के रूप में विकास की मांग तेज
त्रिवेणी संगम का झरना बना पर्यटकों का आकर्षण केंद्र, गर्मी में राहत की खोज में उमड़ रही भीड़, प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से पर्यटन स्थल के रूप में विकास की मांग तेज
सुसनेर। सुसनेर विधानसभा से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम तखला में स्थित त्रिवेणी संगम – जहां लखुंदर, कालीसिंध और भाटन नदियां मिलती हैं – इन दिनों पर्यटकों के लिए गर्मी में ठंडक और सुकून का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां लखुंदर नदी का पानी एक ऊंचाई से गिरते हुए झरने का रूप लेता है, जो इन दिनों सैकड़ों लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
गर्मी में भी बहता जल, कुंडालिया बांध का असर
कुंडालिया बांध के निर्माण के बाद इन नदियों में जल प्रवाह बना हुआ है, जिससे गर्मी में भी यह स्थल जीवंत और हराभरा नजर आता है।
श्रद्धा और प्रकृति का संगम
त्रिवेणी संगम पर भगवान तारकेश्वर महादेव और भगवान देवनारायण के मंदिर भी स्थित हैं, जिससे यह स्थल धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
पर्यटन स्थल के रूप में उभरने की पूरी क्षमता
प्रतिदिन बढ़ती पर्यटकों की संख्या यह साफ संकेत देती है कि यह स्थान एक विकसित पर्यटन स्थल बनने की पूरी क्षमता रखता है। स्थानीय लोग, युवा और राजस्थान सीमा से आए पर्यटक भीषण गर्मी में यहां पहुंचकर झरने में स्नान का आनंद ले रहे हैं।
अब ज़रूरत है जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की सक्रियता की
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि जनप्रतिनिधि और प्रशासन इस ओर गंभीरता से ध्यान दें, तो त्रिवेणी संगम को एक संरचित पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। इससे न केवल क्षेत्र की पहचान बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे।
प्रशासन को सुरक्षा व सुविधाओं पर देना होगा ध्यान
भीड़ को देखते हुए यहां प्राथमिक सुरक्षा व्यवस्था, शौचालय, चेंजिंग रूम व पेयजल जैसी सुविधाएं तत्काल मुहैया कराई जानी चाहिए।
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