श्री खेड़ापति हनुमान मठ मन्दिर के शिखर पर सदियों बाद स्वर्ण कलश की 108 पदार्थ व द्रव्यों से अभिषेक हुई स्थापना ,सुंदरकांड के बाद शाम को हुआ अन्नकूट महोत्सव का आयोजन
श्री खेड़ापति हनुमान मठ मन्दिर के शिखर पर सदियों बाद स्वर्ण कलश की 108 पदार्थ व द्रव्यों से अभिषेक हुई स्थापना ,सुंदरकांड के बाद शाम को हुआ अन्नकूट महोत्सव का आयोजन
*सुसनेर नगर में पहली बार सनातन धर्मावलम्बियों की आस्था के केन्द्र श्री खेडापति हनुमान मठ मंदिर में सदियों एवं सैकड़ो सालों बाद जन सहयोग से 7 लाख रूपये की अधिक की लागत से निर्मित स्वर्ण कलश की स्थापना बुधवार को मन्दिर के शिखर पर हुई। स्वर्ण कलश की स्थापना करने हेतु 5 दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया गया जिसका प्रारम्भ 16 नवम्बर को हुआ था जिसका समापन बुधवार 20 नवम्बर को स्वर्ण कलश की स्थापना एवं अन्नकूट महोत्सव से हुआ।
इसके चलते चोथे दिन मंगलवार को स्वर्ण कलश का 108 पदार्थ व द्रव्यों से हुआ अभिषेक किया गया था। यहां पर यह सारी धार्मिक क्रियाएं यज्ञाचार्य पंडित वेदप्रकाश भट्ट, पण्डित गोविंद शर्मा एवं मठ के पुजारी गोविंद गिर के द्वारा सम्पन्न करवाई गई। इस दोरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रृद्धालुओ ने आहुतियां भी दी।
बुधवार को विधिविधान से स्वर्ण कलश की स्थापना मंदिर के शिखर पर की गयी। इस अवसर पर सालो से चली आ रही परम्परा का निवर्हन करते हुएं अन्नकूट महोत्सव का भी आयोजन किया गया इस दोरान खेडापति हनुमानजी का चोला चढाकर के आकर्षक श्रृंंगार किया कर 56 भोग लगाया गया। मंदिर को आकर्षक विद्युत रोशनी व फूलो से सजाया गया। मंदिर समिति के सानिध्य में सुबह साढे 11 बजे श्रीराम सेवा सुंदरकांड समिति के गंगाराम टेलर, लखन भावसार, प्रदीप बजाज, अभिषेक गहलोत, पवन पंचोली आदि सदस्यों के द्वारा*
*संगीतयम सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया*
फिर शाम चार बजे महाआरती का आयोजन किया गया जिसमें मठ समिति के अध्यक्ष रामसिंह कांवल, मार्केटिंग अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह काँवल, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि राहुल सिसोदिया, समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी टेकचंद गहलोत, अशोक कंठाली, राधारमण लड्डा, गोविंद राठौर, रामु सोनी, संजय तिवारी, कैलाश जायसवाल, गोपाल माली, घनश्याम अग्रवाल, मुकेश जगताप आदि ने हनुमानजी की महाआरती में भाग लिया*
*हजारों की संख्या में श्रद्वालुओं ने प्रसादी ग्रहण की*
*खेड़ापति हनुमान मंदिर में वर्ष 1954 से अन्नकूट महोत्सव किया जा रहा है। शुरुआत में अन्नकूट महोत्सव की शुरूआत में चंद ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता था। नगर के सेठों के द्वारा इस तरह के आयोजन की शुरूआत की गई थी। अब इस आयोजन में नगर के सभी हिन्दू समाजजन शामिल होकर भगवान की प्रशादी ग्रहण करते हैं। यहां जनसहयोग एवं पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह के अपने कार्यकाल में प्रतिवर्ष अपनी विधायक निधि से दी गयी 5 लाख रुपये की राशि से सुसनेर में कंठाल नदी किनारे स्थित खेड़ापति हनुमान मंदिर में श्रद्घालुओं की सुविधा के लिए सामुदायिक भवन, प्रवेश द्वार एवं अनेक निर्माण किये गए*
Leave a Reply