भार्गव परिवार ने बेटी के जन्म लेने पर गम नहीं उत्साह के साथ मनाई खुशियां,अस्पताल से छुट्टी होने पर 108 एम्बुलेंस को दुल्हन की तरह सजा कर ढोल तासो के साथ नन्ही बिटिया को घर लाया परिवार
भार्गव परिवार ने बेटी के जन्म लेने पर गम नहीं उत्साह के साथ मनाई खुशियां,अस्पताल से छुट्टी होने पर 108 एम्बुलेंस को दुल्हन की तरह सजा कर ढोल तासो के साथ नन्ही बिटिया को घर लाया परिवार।
खंडवा।। आज से कुछ वर्ष पूर्व बेटी के जन्म लेने पर घर में उत्साह नहीं मातम छा जाता था, कुछ परिवार वाले बेटी के जन्म लेने पर महिला को बुरा भला कहते हुए कोसते थे बेटी को वरदान नहीं अभिशाप माना जाता था, परिवर्तन के इस दौर के साथ सरकार द्वारा महिलाओं के लिए चलाई जा रही जन हितेषी योजनाओं के चलते अब जन्म लेने वाली बेटी का उत्साह के साथ परिवार स्वागत करता है गांव में खुशियां मनाई जाती है बेटी के आगमन पर गीत गाए जाते हैं मिठाई बांटी जाती है, समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व बेटे बेटियों में भेदभाव के चलते बेटियों की संख्या में कमी देखी देखी गई, लेकिन केंद्र और प्रदेश सरकार की महिला सशक्तिकरण बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसी योजना के चलते आज बेटे और बेटियों ने बराबर का दर्जा प्राप्त कर लिया, जिले के राजनी गांव में एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। राजनी गांव के रहने वाले सौरभ भार्गव के घर बेटी का जिला अस्पताल में जन्म हुआ। जिला अस्पताल से छुट्टी होने के बाद इस बच्ची को 108 एंबुलेंस के माध्यम से उसके गांव भिजवाया जाना था। लेकिन परिवार वालों ने पूरे 108 एंबुलेंस को दुल्हन की तरह सजाया। इसके बाद इस 108 एंबुलेंस को ढोल धमाके के साथ बच्ची को लेकर गए खंडवा जिला अस्पताल से उसके गांव तक लेकर गए। गांव में जाते ही आतिशबाजी कर बच्ची का घर में लक्ष्मी की तरह प्रवेश कराया गया। बेटी के जन्म के उत्साह का यह वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है
समाजसेवी सुनील जैन ने बताया कि बेटी के जन्म पर अक्सर परिजनों के मुंह लटक जाते हैं। खुशियों की जगह परिवार में गम छा जाता था
कई बार तो बेटी के जन्म लेने पर माँ और बेटी के साथ बुरे बरताव की भी खबरें सामने आती है। लेकिन खंडवा जिले के राजनी गांव में बेटी के जन्म पर एक अद्भुत नजारा देखने को मिला। दरअसल रांझिनी गांव के रहने वाले सौरभ भार्गव के घर बेटी का जन्म हुआ। जिला अस्पताल में डिलेवरी के बाद जच्चा बच्चा दोनों ही स्वस्थ थे, अस्पताल से छुट्टी होने के बाद बच्ची को 108 एंबुलेंस के माध्यम से उसके गांव भिजवाया जाना था, जो 108 एम्बुलेंस जच्चा बच्चा के घर छोड़ने आई इसे परिवार वालों ने दुल्हन की तरह सजाया, इसके बाद परिजन 108 एंबुलेंस के माध्यम से ढोल-ताशों के साथ बच्ची को घर लेकर गए, गांव में जाते ही आतिशबाजी कर बच्ची का घर में प्रवेश कराया गया। सौरभ भार्गव ने बताया कि उनके यहां बेटी ने जन्म लिया है इसलिए पूरा परिवार खुश है। इसीलिए अपनी बेटी का स्वागत हम ने अनूठे तरीके से किया। यह सब कुछ देखकर लोग हैरान है। लेकिन हमारे लिए यह बेहद खुशी के पल है।
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