लोकेन्द्र सिंह परमार टीकमगढ़
कुंडेश्वर मंदिर ट्रस्ट चुनाव पूर्व आरोप-प्रत्योरोप का दौर जारी-
अपनी करनी पर पर्दा डालकर विरोधियों ने उछाला कीचड़-पस्तोर
न्यायालय से बेदाग साबित होने के बाद भी की जा रही छवि धूमिल, ली जाएगी न्यायालय की शरण

टीकमगढ़। कुंडेश्वर मंदिर ट्रस्ट के चुनाव आते ही विरोधियों ने ट्रस्ट पर काबिज रहने के लिए हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है। जो लोग भ्रष्टïाचार और गड़बडिय़ों में आकंठ डूबे रहे, वह उन पर कीचड़ उछालकर बदनाम करने की कोशिश करने में लगे हैं। ऐसी ताकतों के खिलाफ न्यायालय की शरण लेकर मानहानी का दावा किया जाएगा। उन्होंने ट्रस्ट के कुछ पदाधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए उनके कार्यकाल की जांच कर गड़बडिय़ों को उजागर करने पर भी जोर दिया है। जिन पदाधिकारियों पर आरोप लगाए हैं, उनमें कोषाध्यक्ष श्री पटैरिया के अलावा अन्य लोगों के भी नाम शामिल हैं। यहां एक होटल में हुई पत्रकारवार्ता के दौरान उन्होंने विरोधियों द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार एवं बेबुनियाद बताते हुए दस्तावेजों सहित ट्रस्ट पदाधिकारियों की आलोचना की। कुंडेश्वर मंदिर ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पस्तोर ने इसे सोची समझी रणनीति का हिस्सा बताया। बताया गया है कि कुंडेश्वर ट्रस्ट चुनावों को जहां लंबे समय से अधर में लटकाया जाता रहा है, तो वहीं पूर्व अध्यक्ष श्री पस्तोर के विरूद्ध आरोपों की बाछौर की जाती रही है। शिकायतों की जांच के बाद वह बेदाग साबित हुए और न्यायालय में उनके विरूद्ध की गई अपील को भी अंतत: खारिज कर दिया गया। बताया गया है कि जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल शिव धाम कुंडेश्वर मंदिर ट्रस्ट में आरोप प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी है। एक दिन पहले ट्रस्ट के स्थायी सदस्यों ने पूर्व अध्यक्ष की सदस्यता बहाली पर विरोध जताते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा था। शुक्रवार को पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पस्तोर ने प्रेस कॉन्फ्रें स कर खुद पर लगे आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने कहा कि जो लोग मेरे ऊपर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगा रहे हैं, वे स्वयं ट्रस्ट में गड़बड़ी कर रहे हैं। उन्होंने न्यायालय एवं एसडीएम के फैसलों की प्रतिलिपियों को भी पत्रकारों को सौंपा। कहा गया है कि कुंडेश्वर मंदिर ट्रस्ट के चुनाव पिछले 6 सालों से नहीं हुए हैं। लोगों की शिकायत पर एसडीम ने चुनाव कराए जाने के निर्देश दिए थे। जिसके चलते 16 फ रवरी को ट्रस्ट की आम सभा की बैठक हुई। जिसमें आगामी एक महीने में ट्रस्ट के चुनाव कराए जाने की घोषणा की गई। चुनाव से ठीक पहले ट्रस्ट के पदाधिकारी एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में जुट गए हैं। गुरुवार को ट्रस्ट के पांच स्थाई सदस्यों ने एसडीएम दफ्तर पहुंचकर पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रकाश पस्तोर पर गड़बड़ी करने के आरोप लगाते हुए उनकी सदस्यता बहाली को निरस्त करने की मांग की थी। इसके जवाब में शुक्रवार को सूर्य प्रकाश पस्तोर ने प्रेस कॉन्फ्रें स की। उन्होंने कहा कि 2017 में मेरे ऊपर जो आरोप लगाकर सदस्यता समाप्त की गई थी, उन सभी आरोपों को एसडीएम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 16 फ रवरी को हुई आमसभा की बैठक में मेरी सदस्यता बहाली के लिए प्रस्ताव रखा गया था। जिस पर बैठक में उपस्थित सदस्यों ने सहमति जता दी थी। अब ट्रस्ट के कुछ लोग झूठे आरोप लगा रहे हैं। श्री पस्तोर ने कहा कि जो लोग अब आरोप लगा रहे हैं, वह पिछले सात साल से चुप क्यों बैठे रहे। जैसे ही चुनाव नजदीक आए उन्होंने ट्रस्ट पर काबिज रहने के लिए हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है।
पस्तोर ने कहा- ट्रस्ट अध्यक्ष का लड़ूंगा चुनाव-
सूर्य प्रकाश पस्तोर कुंडेश्वर मंदिर ट्रस्ट के तीन बार अध्यक्ष रह चुके हैं। 2017 में उनकी सदस्यता वित्तीय अनियमितताओं के कारण निरस्त कर दी गई थी। 16 फ रवरी को आम सभा की बैठक में सदस्यता बहाल कर दी गई। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट के आगामी चुनाव में वह अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अगर मेरे ऊपर गड़बड़ी का एक भी आरोप साबित होता है, तो मुझे फांसी की सजा दे दी जाए। श्री पस्तोर ने कहा है कि मंदिर का पैसा निजी उपयोग में लाने वाले उन पर आरोप लगा रहे हैं। इसकी शिकायत भी पूर्व में की गई थी, लेकिन किसी प्रकार की अब तक कार्रवाई नहीं हुई। इतना ही नहीं ट्रस्ट के तीन सदस्यों की सदस्या समाप्त करने एवं उनके द्वारा की गई गड़बडिय़ों की जांच करने डेढ़-दो सौ सदस्यों ने पूर्व में ज्ञापन सौंपा था, लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। इसके साथ ही चुनाव को लंबे से टाला जाता रहा है।










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