परेशानी की हड़ताल…आमजन परेशान: पटवारी, आरटीओ व मंडी की हड़ताल से आमजन के साथ विभागीय कार्य भी रुके,तारीख निकली पर फसल गिरदावरी नहीं हुई, तैयार नहीं हो सके खेती के आंकड़े

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

 

लोकेशन रायसेन

परेशानी की हड़ताल…आमजन परेशान: पटवारी, आरटीओ व मंडी की हड़ताल से आमजन के साथ विभागीय कार्य भी रुके,तारीख निकली पर फसल गिरदावरी नहीं हुई, तैयार नहीं हो सके खेती के आंकड़े

 

रायसेन। प्रदेश व जिले में कितने रकबे में कौन सी फसल है, इस बार कौन सी फसल ज्यादा है और कौन सी कम है। पिछले वर्षों की तुलना में किस फसल का कितना उत्पादन होगा। इसकी जानकारी शासनप्रशासन को भी नहीं है, आंकड़े तैयार न होने से समय पर शासन स्तर से योजनाएं तैयार नहीं हो सकेगी और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ सकता है।

 

कारण है 28 दिन से जारी पटवारियों की प्रदेश व्यापी भूख हड़ताल। पटवारी ही नहीं, बल्कि आरटीओ व कृषि मंडी अधिकारी-कर्मचारियों की भी प्रदेशभर में हड़ताल जारी है। इससे सभी कृषि मंडियां व आरटीओ कार्यालयों में ताले लटके हैं। हालांकि कृषि उपज मंडी के कर्मचारियों और गल्ला व्यापारियों की अनिश्चित कालीन हड़ताल फिलहाल रुक गई है।नतीजतन आमजन के काम ठप हैं ही, वहीं सरकारी कार्य भी रुके हैं। आरटीओ व कृषि मंडी से शासन को मिलने वाला राजस्व भी रुका है।

 

जानिए हड़तालों से किस तरह बिगड़े हालात व आमजन की परेशानी….

पटवारी: फसलों के आंकड़े नहीं तो नहीं बन सकेंगी किसानों को योजनाएं

फसल गिरदावरी से आंकड़े तैयार होते हैं कि कितने रकबे में कौन सी फसल है व क्रॉप कटिंग से उत्पादन का आंकलन होता है। इसी से शासन को पता चलता है कि कौन सी फसल ज्यादा व कौन सी कम है, पिछले वर्षों की तुलना में किस फसल का कितना उत्पादन होगा। इसी से फसल बीमा व किसानों को योजनाएं तैयार होती हैं। भू-अभिलेख अधीक्षक के मुताबिक 10 सितंबर तक फसल गिरदावरी होना थी।लेकिन पटवारियों की हड़ताल से नहीं हो सकी। क्रॉप कटिंग रिपोर्ट भी बन पाएगी या नहीं, इस पर भी असमंजस है।

 

आरटीओ: लोग लगा रहे चक्कर, शासन का राजस्व भी ठप…..

18 सितंबर से आरटीओ व कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से तीन दिन से कार्यालय का ताला तक नहीं खुला। फिटनेस, रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस सहित आरटीओ कार्यालय के अन्य सभी कार्य ठप हैं, इससे शासन का राजस्व भी रुक गया है। लोग जरूरी काम से आते हैं लेकिन ताला लगा देख बिना काम लौटने मजबूर हैं। मुंगावली के अर्जुनसिंह मीणा अपने ऑटो के फिटनेस के लिए तीन दिन में 22 किमी दूर से आकर दो बार चक्कर लगा चुके हैं।जिसने बताया कि रोज डीजल खर्च हो रहा है व काम भी नहीं हो पा रहा है।

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