रायसेन जिले की नर्मदा नदी ने उड़ेली बंपर रेत: करोड़ों का कारोबार व आय देती है जिले की रेत खदानें अभी बंपर रेत के स्टॉक से सप्लाई रेत के दाम ऊंचे

ब्यूरो चीफ नरेन्द्र राय SJ न्यूज एमपी

 

लोकेशन-रायसेन

 

रायसेन जिले की नर्मदा नदी ने उड़ेली बंपर रेत: करोड़ों का कारोबार व आय देती है जिले की रेत खदानें अभी बंपर रेत के स्टॉक से सप्लाई रेत के दाम ऊंचे

नर्मदा नदी में दिखने लगे रेतीले मैदान, एक अक्टूबर के बाद से शुरू होंगे ठेके

यह बोले मजदूर स्थानीय स्तर पर मिले हमें रोजगार

 

रायसेन। इस बार बारिश सीजन में जिले की जीवन दायनी नर्मदा नदी ने बंपर मात्रा में में रेत उड़ेली है। पानी के साथ आई रेत के बड़े मैदान, टीले इस बात के गवाह बने हुए हैं। एक अनुमान के मुताबिक करीब 70-75 लाख घनमीटर से अधिक रेत आने का अनुमान है। आलम यह है कि नर्मदा नदी के दोनों तरफ लंबे-चौड़े पाट पर सुनहरी कलर की रेत ही रेत दूर-दूर तक दिखाई दे रही है। हम आपको यह बता दें कि बीते माहों में जिले की सभी रेत खदानों के ठेके भी करीब 175 करोड़ में हो चुके हैं। बारिशकाल के चार माह में अभीनर्मदा नदी में से खनन-परिवहन एनजीटी की रोक लगी हुई है। जिला खनिज विभाग के मुताबिक ये रोक 1 अक्टूबर 2023 से हट जाएगी। इसके बाद रेत का उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण नए सिरे से शुरू होगा। ठेकेदारों ने तैयारियां भी शुरू कर दी है। दशहरा-दीवाली के आसपास रेत का कारोबार उठाव पर आएगा। हम आपको यह बता दें कि रेत के व्यवसाय से करोड़ों रुपयों की आय होती है। इसके साथ ही ट्रक-डंपर, ट्रैक्टर-ट्रॉली के सैकड़ों चालकों सहित हजारों मजदूरों को रोजगार मिलता है।

छिन रहा मजदूरों का हक अधिकार ….

मशीनों से रेत उत्खनन एवं भरवाई से मजदूरों का हकअधिकार छिनता है। कम से कम मशीनों का उपयोग होना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा स्थानीय श्रमिकों से ही काम करवाया जाए।मकरन्द सिंह, श्रमिक

इस बार बंपर रेत निकली है। मजदूरी बीते चार माह से बंद है।उम्मीद है कि खदानें चालू होते ही रोजगार मिलेगा। रेत भरवाई स्थानीय मक्कदम-मजदूरों से होनी चाहिए।ओमप्रकाश सहारिया, श्रमिक

64 लाख घनमीटर रेत उत्खनित होगी…

जिला खनिज विभाग के मुताबिक इस बार जो नए ठेके दिए गए हैं। कुल 56 वैध खदानों से 64 लाख घनमीटर रेत के उत्खनित कर इसके परिवहन, भंडारण की अनुमति दी गई है। पावर मेक कंपनी को 37 करोड़ रुपये का इस बार शासन से ठेका मिला है।वर्तमान में 25 से 30 हजार घनमीटर बीते सीजन की भंडारित है। इससे बारिशकाल में सप्लाई हो रही है।

रेत भरवाई की दर कम से कम 5 रुपए फीट की जानी चाहिए। ताकि मजदूरी से परिवारों के पालन-पोषण में आर्थिक मदद मिल सके। पिछले 7-8 वर्षों के बकाया बोनस का भुगतान भी हो। संदीप कीर, मुक्कदम

इस बार बारिश के बहाव के जरिए रेत अच्छी मात्रा में आई है। 118 वैध खदानों का 64 लाख घनमीटर रेत उत्खनित करने का ठेका 37 करोड़ में पावर मेक कंपनी को दिया जा चुका है। एक अक्टूबर के बाद एनजीटी की रोक हटते ही उत्खनन-परिवहन शुरू हो जाएगा। शासन को अच्छा राजस्व मिलेगा। रेत की चोरी को सख्ती रोकने कदम उठाए जाएंगे।आरके कैथल , जिला खनिज अधिकारी रायसेन

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